Monday, 16 May 2022

@राहुल जी ,जीवेश जी

अच्छी खासी शुकुन की जिंदगी गुज़र रही होती है ...
फिर अचानक कोई पसंद आ जाता है .. 

उसके बाद.

जिंदगी की ऐसी की तैसी हो जाती है..

और अंत में.

नरक बन जाता  है और जीने की इच्छा खत्म..

फिर क्या

जिंदगी अनुलोमविलोम करना शुरू कर देता है
सांस अंदर लेना और सांस बाहर करना..

बस इतना ही

धर्मप्रेमिका

@इन्द्रकांत

कैसे हो?
          ठीक हूं !
                     तुम कैसी हो?
                                        मैं भी ठीक हूं

उपर की लाइनों का सिटी स्कैन किया जाए तो हजारों गम, लाखों ख्वाहिशें और बेहिसाब अंत किये गए सपने मिलेंगे, और इन सभी पर कल्पति आत्मा, घुटती साँसे, आँखों में न रुकने वाली आँशु के बीच“ठीक हूं कि ओढ़ाई गई चादर मिलेगी"


विरह

"प्यार अगर सच्चा हो तो ‪#‎विरह‬ भी प्यारी लगती है..!
नही तो, बगल में साथ चलते हुए भी ‪#‎शरीर_नज़र‬ आती है..!!"