@राहुल जी ,जीवेश जी
अच्छी खासी शुकुन की जिंदगी गुज़र रही होती है ...
फिर अचानक कोई पसंद आ जाता है ..
उसके बाद.
जिंदगी की ऐसी की तैसी हो जाती है..
और अंत में.
नरक बन जाता है और जीने की इच्छा खत्म..
फिर क्या
जिंदगी अनुलोमविलोम करना शुरू कर देता है
सांस अंदर लेना और सांस बाहर करना..
बस इतना ही