Friday, 30 December 2022

जब उसने मेरी तरफ देखी

काजल में गुस्सा
आँखों में बादल
गालों पर समुंदर
चेहरे पर लाली
होठों पर खामोशी
बालों में नफरत 
मांग में सपना
गले मे शब्द
हृदय में मोहब्बत
हाथों में छड़ी
मेंहदी में नाम
पाँव में रुनझुन
पैर में ठहराव
चूड़ी में थकान
आँचल में छाँव
बाहों में इंतज़ार
..
और अंत में

मैं घुटना टेके हुए सामने
बिन बादल बरसात में भीगें

जाते जाते

पगली कुछ भी नही समझती है
बस जीने का दूसरा नाम मोहब्बत कहती है