वो कहती है,धीरे चलते हो
मैंने कहा
उम्र भर साथ चलने का वादा करिए तो
कदम से कदम मिलाकर चलूँगा,न आगे न पीछे,
हाथ मजबूती से नही बल्कि सलीके से पकरूँगा
सुनसान रास्ते पर अपनापन लगेगा,राहे कितनी भी मुश्किल क्यों न आसान लगेगा,तेरा मेरे साथ होने से ही जिन्दगी आसान लगेगा...ज़िन्दगी के राहों में कभी भी अकेला नही छोड़ूंगा..
और अंत में
मैं धीरे धीरे इसलिए चलता हूँ कि जिंदगी के कुछ पल तुम्हारे साथ जी सकूँ..!