Sunday, 9 July 2023

सावन की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं

उसे ढूँढने के लिए...

सारे शिवालयों का चक्कर लगा आया हूँ
और वो चुपचाप मन में ही शिवाला बना बैठी है

लगता है इस सावन भी शिव नही मिलेगें मुझे
लगता है पगली शिव की प्रिय दासी कहीं बन बैठी है/होगी

और अंत में

सुने हैं उसके शहर में बरसी तेज होती है
और यहाँ मैं उसे हर बूंदों में ढूँढता फिरता हूँ

यूँ जो तुम आहिस्ते आहिस्ते सारे प्रश्न पूछते हो

यूँ जो तुम आहिस्ते आहिस्ते सारे प्रश्न पूछते हो
यूँ जो तुम धीरे धीरे सारे प्रश्न का जबाव ढूँढ़ते हो
एक सलीक़े का उत्तर है तुम्हें सबकुछ पता है 
फिर भी पूछते हो
यूँ जो बात बात पर जीने मरनें की बातें करते हो
यूँ जो बिना बोले सारी बातें समझा करते हो
साफ़ साफ़ क्यों नही कहते तुम्हारे साथ जीना चाहते हैं