बहुत हो गया है तिरस्कार तुम्हारा
अबकी बार चीर हरण दुःशासन का होगा
दुःशासन तब पुकारेगा...हाय दुर्योधन...हाय दुर्योधन....
अब मुझे बचाओ..मेरा चीर बढ़ा कर मेरी लाज़ बचा...
अपना सच में तू पुरुषार्थ दिखा दुर्योधन...
हाय दुर्योदधन...हाय दुर्योधन..मेरी लाज़ बचा....
कृष्ण बगल में खड़ा होकर मुस्कुरायेगा....
द्रौपदी उसे रणभूमि चलनें के लिए ललकारी गी....
युधिष्ठिर अपने किये पर पचतायेगा( जुआ खेल कर द्रौपदी को हारनें पर)
अर्जुन अबकी बार गीता का पाठ न पढ़ कर, पहले से ही कुरुक्षेत्र में जाकर हुंकारेगा.....
भीम प्रतिज्ञा छोड़ अपनी गदा घुमायेगा...
भीष्मपितामह के आँखों में सच में आँसू आयेगा (ख़ुशी के)
यह सब होता सुनकर, धृतराष्ट्र अपनी अंधी आँखो से भी देख पायेगा....
तब सच में कहेगा, द्रौपदी चीर हरण सच में भयावा था....
हे! आधुनिक मानव अब तो तुम इसे बंद करो।
अबकी बार चीर हरण दुःशासन का होगा
दुःशासन तब पुकारेगा...हाय दुर्योधन...हाय दुर्योधन....
अब मुझे बचाओ..मेरा चीर बढ़ा कर मेरी लाज़ बचा...
अपना सच में तू पुरुषार्थ दिखा दुर्योधन...
हाय दुर्योदधन...हाय दुर्योधन..मेरी लाज़ बचा....
कृष्ण बगल में खड़ा होकर मुस्कुरायेगा....
द्रौपदी उसे रणभूमि चलनें के लिए ललकारी गी....
युधिष्ठिर अपने किये पर पचतायेगा( जुआ खेल कर द्रौपदी को हारनें पर)
अर्जुन अबकी बार गीता का पाठ न पढ़ कर, पहले से ही कुरुक्षेत्र में जाकर हुंकारेगा.....
भीम प्रतिज्ञा छोड़ अपनी गदा घुमायेगा...
भीष्मपितामह के आँखों में सच में आँसू आयेगा (ख़ुशी के)
यह सब होता सुनकर, धृतराष्ट्र अपनी अंधी आँखो से भी देख पायेगा....
तब सच में कहेगा, द्रौपदी चीर हरण सच में भयावा था....
हे! आधुनिक मानव अब तो तुम इसे बंद करो।