वो नाराज़ हो होकर
और भी खूबसूरत होते जा रही
और मैं इतंज़ार में
धीरे धीरे और भी उसका होते जा रहा
वो होठों से कहती नही
और मैं सुनने को बेकरार होते जा रहा
उसे कुछ कहना है
कह के कुछ सुनना है
सुनकर हमेशा उसका सुनना है
उसकी हाथों को थाम कर
कुछ कदम साथ चलना है
उस पर मेरा भरोसा है
उसका भरोसा उम्र भर निभाना है
आज उस से मिलकर
हमेशा के लिए उसका हो जाना है