Sunday, 6 November 2022

379 कहानी की अगली कड़ी

379 की आज की कहनी

 जिस रूम में वे रह रहे हैं वह पूर्णरूपेण वातानुकूलित A/C रूम है..उसका तापमान 21℃ है, जिसके कारण इस मौसम में उनका तबीयत खराब हो गया है.. सर्दी, खाँसी.. जुखाम..आवाज फस गया है ...
मैंने कहा temp. ज्यादा कर लीजिए..30 के आसपास..

वे बोले temp. कम ज्यादा करने नही आता है 😂😂
सुझाव दिए  किसी से कह कर temp ठीक करा लें.....
वो बोले हैं.. सबको पता चल जायेगा.. कि उनको temp. भी कम ज्यादा करने नही आता है
बेचारा .. इज्ज़त बचने के लिए ठंड में जीवन गुजार रहे हैं...

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आज का घटना..

आज मेरे रूम 379 आयें बोले कुछ खाना है.. कहते कहते वो धीरे से गोदरेज की तरफ गये और शनैः से गोदरेज का गेट खोलते हैं... और अपना पूरा शिर इस तरह से रैक के नीचे करते हैं जैसे कोई नया ग्रह का खोज करने वाले हैं... और रैक से अपना शिर निकालते हुए अपने डमरू जैसे चेहरा बनाते हुए मुझे देखते हैं.. बोले इसमें खाने का सामना तो सिर्फ किशमिश है.. और अपना पूरा मुठ्ठी भर किशमिश ले कर हँसते हुए निकल गए...और पहला निवाला किशमिश खाते हुए.. कहते हैं.. .. ई तो पूरे कच कच बालू जैसे लगे हो.. और पूरा मुठ्ठी भरा किशमिश बाहर फेंक दिए...
 ...     और बोले ...क्या और कैसा खरीद लिया पूरा बालू जैसे करता है...
मैं ये सारी घटनाक्रम देखकर🤣🤣😂😂 हंसने लगा..☺️
...मतलब मैं सारा मामला समझ चुका था..*मतलब वो मुनक्का को किशमिश समझ कर खा गए हैं..* अच्छा नही लगने पर सब फ़ेक चुके थे...
   
और अंत में
पता नही आगे 379 क्या करेंगे... 🙄