Saturday, 1 October 2022

ज़िन्दगी और कुछ भी नही, तेरी मेरी कहानी है

मैं बेवकूफ हूँ, वो मेरी दिमाग़ है
मैं शिर दर्द हूँ, वो एस्पिरिन है
मैं फ्रेक्चर हूँ, वो क्रेक बैंडेज है
मैं मोच हूँ, वो आयोडेक्स है
मैं बुख़ार हूँ, वो पैरासिटामोल है
मैं वे वक़्त हूँ, वो हर वक़्त है
मैं मुसीबत हूँ, वो समाधान है
मैं बीमार हूँ, वो इलाज़ है

और अंत में

ज़िन्दगी और  कुछ भी नही, तेरी मेरी कहानी है

 और एक बात

अगर पुनर्जन्म होता है तो अगले जन्म में भी तुम्हारे सुख-दुःख का साथी बनना मेरी पहली और आख़री ख्वाहिश होगी..!