बस तेरे अपनों को छोड़ कर...
सजन तू कितना मेरा स्वास्थ्य का ख़्याल करते हो..
बेईमानी की तराजू से ईमानदारी बिकता है बाबू
लोग कहते हैं कि तुम्हारा अंदाज़ बदला बदला सा हो गया है पर कितने ज़ख्म खाए हैं इस दिल पर तब ये अंदाज़ आया है..! A6
[[★भारतीय नारी★]]
मेरी देहयष्टि या मुख के आकर्षण पर ना जाओ ,
यह कुछ दिन रहेगा फिर शायद ना रहे।
आकर्षित होना है तो मेरे गुणों और आदर्शों से आकर्षित रहो जो दिन प्रतिदिन निखरेंगें।
[[☆भारतीय बहन और बेटी☆]]
मुझे सभी पुरुषों में सामान्यतः भाई या पितृवत स्नेह देखने के संस्कार हैं।
आप कृपया इन संस्कारों के अनुरूप चलने के लिए , बाजार और कार्यस्थल का वातावरण निर्मित करें। और यदि मुझ से स्नेह उमड़ता भी है तो भाई सी रक्षा का दायित्व निभाएँ।
[[☆भारतीय बहु☆]]
मुझे बताया गया है मुझ पर दो परिवारों (कुल) के मान -सम्मान व रक्षा का कर्तव्य होता है।
मुझे बहकाने का प्रयास ना करें।
मुझे इनकी प्रतिष्ठा बढ़ानी है , मुझे अपने कर्तव्यों से विमुख करने के प्रयास में आपको विफलता ही मिलेगी।
[[☆भारतीय नारी दायित्व☆]]
चाहे हम माँ, बहन, बहु, बेटी या पत्नी ,जो भी हों ,
दुनिया की अन्य नारियों को
"भारतीय गरिमामय नारी " चरित्र की प्रेरणा देना अपना कर्तव्य मानतीं हैं।
इस देश की नारी जो किन्हीं प्रलोभनों या भ्रमित कर दिए जाने के कारण यह गरिमा खो रही हैं ,
उन्हें सही दिशा और गरिमा वापिस दिलाना चाहती हैं।
भारतीय पुरुष को भी नारी को आदर से रखने और उसके रक्षक होने के संस्कार होते हैं।
आप कृपया इसका पालन कर वह वातावरण हमें उपलब्ध करायें ताकि हम अपने कर्तव्यपरायणता में सफल हो समाज और भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व को सुखी बना सकें ||
,,,,,, मोनिका सूद ,,,,,,