Sunday, 27 November 2016

सच्चाई तेरी गलियों की ......

ग़ालिब तेरे शहर में सब सच्चे हैं..
बस तेरे अपनों को छोड़ कर...

अस्मत लूट कर अपनें कहनें वाले,अस्पताल पहुँचा दिये..
नायिका तब कहती है :-----
सजन तू कितना मेरा स्वास्थ्य का ख़्याल करते हो..

अनुभव का बाज़ार में माँग बहुत है ग़ालिब..
बेईमानी की तराजू से ईमानदारी बिकता है बाबू 

10 रुपये के दाम पर एक लड़की बेवफ़ा हो गई,
लाख-लिख लेकर एक लड़का पति से देवतुल्य हो गए।

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