Sunday, 7 May 2023

वो बोल रही थी कि तेरी यादों को राख कर दूँगी
ये बोल के पगली रोते रोते आँखे लाल कर ली

थाना सिरिस्ता

ऐ सब कुछ उसकी मेहरबानी है साहब
क्या बतायें.......
ये जिंदगी धीरे धीरे थाना सिरिस्ता होते जा रहा है

आमद तो बहुत पहले कर लिए थे पर प्रस्थान के लिए बेक़रार है

और अंत में

ये रिश्ता चिन्दी पुल्लथ्रो से शुरुआत किये  थे
अब आमद, प्रस्थान, गस्ती, केस डायरी पर बात आ गई है