Saturday, 16 July 2022

बुलाती है तेरी बाँहों का सहारा

ये कागज़, पत्ता, नदी का किनारा
ये खिड़की, हवा,धूप का साया
ये आँखे, हंसी, जुल्फों का साया
बुलाती है तेरी बाँहों का सहारा

ये बूंदे, सबनम,खेतों का किनारा
ये बादल, बारिस,पानी की धारा
ये होंठों, बिंदी, आँचल का साया 
बुलाती है तेरी बाँहों का सहारा

ये राहे, नदियां, उसी का किनारा
ये यादें, बातें, आँशु का धारा
ये पायल,झुमके,नजरों का साया
बुलाती है तेरी बाँहों का सहारा