Sunday, 9 April 2017

धर्मप्रेमिका !

जब तू दाँतो मे क्लिप दबा कर, खुले बाल बांधती है न…!

कसम से एक बार तो जिंदगी, वही पर रुक जाती हैं..!

सच कह रहा हूँ पगली..
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धर्मप्रेमिका !

ज़हर का स्वाद शिव शंकर भोलेनाथ से पूछो,

अगर मीरा से पूछोगे तो अमृत ही कहेगी...!!