Thursday, 28 July 2022

हाँ मीरा मैं भी हूँ तुम्हारी तरह

गुज़रता हूँ मैं भी, मीरा तुम्हारी तरह
सफ़र में मैं भी, पर पूरा नही होता
आधा हूँ मैं भी, मीरा तुम्हारी तरह
डगर पर मैं भी, पर ठहरा नही होता
दुनियाँ वाले क्या जाने इकतारे की पुकार
घर में रहता हूँ पर ख़ुद में नही रहता तुम्हारी तरह
आधा हूँ मैं भी पूरे की तलाश में तुम्हारी तरह
नींद में,होश में, बेहोश में, हाँ मीरा मैं भी हूँ तुम्हारी तरह