खुद ही जोकर बन
यहाँ सब को हँसाए हैं
और क्या बतायें
खुद ही रोये हैं
खुद ही चुप हुए हैं
सच होकर भी
खुद को गलत साबित किये हैं
और क्या
सब के लिए मैं हूँ
मेरे लिए मैं खुद भी नही हूँ
उसको ढूढ़ते ढूढ़ते
खुद से दूर हुआ हूँ
उसको बचाते बचाते
खुद को ही जलाएं हैं
और क्या लिखूं..
जो मैं हूँ
जो मैं नही हूँ