समुद्र से गहरा,
स्त्री का समझ
आँख से गहरा
स्त्री का नज़र
बादल से गहरा,
स्त्री का बात
आँगन से गहरा,
स्त्री का आँचल
कब्र से गहरा,
स्त्री का सब्र
और अंत में
सावन के पहले दिन पर भारी
स्त्री के अंतर्मन की बारिस
जाते जाते
शिव ही नही सावित्री भी पूजा जाए
श्रावण मास की हार्दिक शुभकामनाएं
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