Monday, 16 May 2022

धर्मप्रेमिका

@इन्द्रकांत

कैसे हो?
          ठीक हूं !
                     तुम कैसी हो?
                                        मैं भी ठीक हूं

उपर की लाइनों का सिटी स्कैन किया जाए तो हजारों गम, लाखों ख्वाहिशें और बेहिसाब अंत किये गए सपने मिलेंगे, और इन सभी पर कल्पति आत्मा, घुटती साँसे, आँखों में न रुकने वाली आँशु के बीच“ठीक हूं कि ओढ़ाई गई चादर मिलेगी"


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