शतरंज मे वज़ीर
और
ज़िंदगी मे ज़मीर,
अगर मर जाए तो समझिए खेल ख़त्म....
https://t.co/JUHOOclESy
लोग कहते हैं कि तुम्हारा अंदाज़ बदला बदला सा हो गया है पर कितने ज़ख्म खाए हैं इस दिल पर तब ये अंदाज़ आया है..! A6
चुनाव में हारे हुए अरुण जेटली भैयाजी को वित्त मंत्रालय मिलनें पर आधी आबादी को अब ज़रूर दुःख हो रहा होगा।क्योंकि इनको समझ में नही आ रहा है की #सेनिटरी_नैपकिन महिलाओं की जरूरत है ना की इनकी लगान वसूली की सामान। जिससे वे अपना तिजोरी भर सके।
अभी भी अधिकांशतः ग्रामीण महिलाएं पैसे के आभाव में तथा सुविधा और सही जानकारी के आभाव में सेनिटरी नैपकिन का इस्तमाल नही कर पाती है।वहीं अभी भी महिलाओं को इसके खरीदारी में संकोच और समस्याएं होती है।
चूँकि यह कोई लग्ज़री या विलासता की वस्तु नही है इसलिए इसे GST से बहार कर के टैक्स-फ़्री करें। और स्वच्छ, स्वस्थ्य और प्रगतिशील समाज के निर्माण में अपना योगदान दें।
और अंत में
मंत्रीजी अपना सामाजिक जिम्मेदारी समझे और उनका निर्वाह करें।ऐसे भी महिलाएं छोटी-छोटी बात नही भूलती है और अगर इनकी मन की बात पूरी नही होगी तो समझो हिसाब बराबर अगले चुनाव में..!
हमे और जीने की चाहत ना होती
अगर तुम ना होते, अगर तुम ना होते
तुम्हे देख के तो लगता हैं ऐसे
बहारों का मौसम आया हो जैसे
दिखायी ना देती, अंधेरों में ज्योती
अगर तुम ना होते..
हमे जो तुम्हारा सहारा ना मिलता
भंवर में ही रहते, किनारा ना मिलता
किनारे पे भी तो, लहर आ डूबोती
अगर तुम ना होते..
न जाने क्यो दिल से, ये आवाज़ आयी
मिलन से हैं बढ़ के, तुम्हारी जुदाई
इन आँखों के आँसू ना कहलाते मोती
अगर तुम ना होते..
गीतकार : गुलशन बावरा,
गायक : किशोर कुमार,
संगीतकार : राहुलदेव बर्मन,
चित्रपट : अगर तुम ना होते - 1983