Saturday, 31 December 2022

आख़री खत

उसे लिखी हुई सारी चिठ्ठी सँभाल कर रखा है
उसी में कहीं सारी मोहब्बत छुपा रखा है

आज आखरी ख़त है उसके नाम
ऊपर लिखा है नाम  उसका

प्रियतम भाग्यश्री लक्ष्मी



नीचे लिखा है
मैं सिर्फ़ तुम्हारा

Friday, 30 December 2022

जब उसने मेरी तरफ देखी

काजल में गुस्सा
आँखों में बादल
गालों पर समुंदर
चेहरे पर लाली
होठों पर खामोशी
बालों में नफरत 
मांग में सपना
गले मे शब्द
हृदय में मोहब्बत
हाथों में छड़ी
मेंहदी में नाम
पाँव में रुनझुन
पैर में ठहराव
चूड़ी में थकान
आँचल में छाँव
बाहों में इंतज़ार
..
और अंत में

मैं घुटना टेके हुए सामने
बिन बादल बरसात में भीगें

जाते जाते

पगली कुछ भी नही समझती है
बस जीने का दूसरा नाम मोहब्बत कहती है

Wednesday, 14 December 2022

थोड़ी सी गोरी है
आंखों में काजल है ज्यादा 
पर दिल रखती है पत्थर का

थोड़ी सी खुश रहती है
हँसती है उससे ज्यादा
पर देख कर मुँह फूलती है

खाती है कम
शरीर मे ताकत है उससे भी कम
पर पांव दबवाती है मुझसे ज्यादा

मिलती है कम
देखकर चुप रहती है उससे ज्यादा
पर सपनों में सवाल जवाब करती है ज्यादा

Sunday, 11 December 2022

गोरी है कम ..... आँखों में काजल है ज्यादा

गुस्सा है ज्यादा
वजन है कम
लग गई ठंड

दौड़ती है ज्यादा
खाती है कम

बोलती है ज्यादा
सुनती है कम

बेहोश होती ज्यादा
होश में रहती कम

बीमार रहती है ज्यादा
ठीक रहती है कम

कुरकुरे खाती है ज्यादा
काजू खाती है कम

दवाई खरीदती है ज्यादा
पर खाती है  कम

नखरा करती ज्यादा
नाराज होती कम

और अंत में

गोरी है कम
आँखों में काजल है ज्यादा

Friday, 9 December 2022

वो और भी खूबसूरत होते जा रही ...

वो नाराज़ हो होकर 
और भी खूबसूरत होते जा रही 

और मैं इतंज़ार में
धीरे धीरे और भी उसका होते जा रहा

वो होठों से कहती नही
और मैं सुनने को बेकरार होते जा रहा

उसे कुछ कहना है
कह के कुछ सुनना है

सुनकर हमेशा उसका सुनना है

उसकी हाथों  को थाम कर
कुछ कदम साथ चलना है

उस पर मेरा भरोसा है
उसका भरोसा उम्र भर निभाना है

आज उस से मिलकर
हमेशा के लिए उसका हो जाना है