आओ और मिलो मेरे पुराने दोस्तों से
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें थाने में
आओ और मिलो मेरे गाँव के वादियों से
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें वर्दी में
आओ और पढ़ो मेरे लिखे शेरो और शायरी को
वैसा नही हूँ जैसे लिखता हूँ केस डायरी में
आओ और मिलो मेरे सपनों की बस्ती में
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें रात्रि गस्ती में
और अंत में
आओ और मिलो मुझसे सच सुनो अकेले में
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें कोर्ट कचहरी में
जाते जाते
आओ और मिलो मुझसे कभी छुट्टी में
वैसा नही हूँ जैसे मिलता हूँ तुम्हें ड्यूटी में