नये शहर में अगर मैं खो जाऊँगा
तुम आवाज़ देना, वापस आ जाऊँगा
नये शहर में अगर मैं व्यस्त ज्यादा हो जाऊँगा
तुम याद आना, फुर्सत मैं ढूंढ लाऊँगा
नये शहर में रातभर नींद नही आती है
तुम सपनों में आना, सारी रात पुरानी बातें करूँगा
और अंत में
नये शहर में जिसे देखूँ बातें सुना जाता है
पुराने शहर की तुम्हारी डाँट बहुत याद आती है
जाते जाते
कल रविवार है पिछली रविवार की तरह सजना संवरना
आँखों में हल्का काजल, माथे पर छोटी सी बिंदी लगाना
बालों को सजा कर बांधना, और होठों पर थोड़ी मुस्कुराहट रखना
और मैं तुम्हें दूर से ही नज़रे झुकाये देखता रहूँगा