Saturday, 18 March 2023

नये शहर में अगर मैं खो जाऊँगा

नये शहर में अगर मैं खो जाऊँगा
तुम आवाज़ देना, वापस आ जाऊँगा

नये शहर में अगर मैं व्यस्त ज्यादा हो जाऊँगा
तुम याद आना, फुर्सत मैं ढूंढ लाऊँगा

नये शहर में रातभर नींद नही आती है
तुम सपनों में आना, सारी रात पुरानी बातें करूँगा

और अंत में

नये शहर में जिसे देखूँ बातें सुना जाता है
पुराने शहर की तुम्हारी डाँट बहुत याद आती है

जाते जाते

कल रविवार है पिछली रविवार की तरह सजना संवरना 
आँखों में हल्का काजल, माथे पर छोटी सी बिंदी लगाना
बालों को सजा कर बांधना, और होठों पर थोड़ी मुस्कुराहट रखना

और मैं तुम्हें दूर से ही नज़रे झुकाये देखता रहूँगा

Thursday, 9 March 2023

होली की शुभकामनाएं

Tuesday, 7 March 2023

Bpa छोड़ते छोड़ते

Bpa छोड़ते छोड़ते 
मैंने तुम्हें भी छोड़ दिया 
तेरी बातें को 
तेरी मुस्कुराहट को
तेरी यादों को
तेरी ख़्वाब को
तेरी चेहरे को
तेरी अहसासों को
तेरी भरोसे को
तेरी इसरों को
तेरी पायल को
तेरी अदाएं को

*अरे पगली सुन*
तू तो कुछ पूछती भी नही है फिर भी कहता हूँ..

सब कुछ छोड़ते छोड़ते
मैंने खुद को भी तेरे पास छोड़ दिया
अगर तू इजाजत दे तो
सिर्फ शरीर ले जा रहा हूँ
साँसे चल रही है.. नाम तेरा ले रहा
धड़कन धड़क रही है..पर तेरे लिए
आगे कुछ दिख नही रहा..बस तू दिखती है
आँखे पत्थर सी हो गई है..सिर्फ़ तुझे  ढूंढ रही है
कहाँ हूँ पता नही..सिर्फ लगता है तेरे हाथ मेरे हाथ मे है
तेरी सारी बातें अंदर ही अंदर मुझे कचोटती है

Wednesday, 1 March 2023

ऐ bpa वालों तुम्हें कुछ मालूम भी है



ऐ bpa वालों तुम्हें कुछ मालूम भी है 
या यूँ ही खुद पर गुमान करते हो..
तेरी छोटी सी चार दिवारी में
मेरी खूबसूरत महबूब भी रहती है

जब शाम को सजधज कर मुझसे मिलती है तो
तेरी ऊँची गुबंद वाली मकान भी फीकी लगती है

जब वो मुस्कुराते हुए  जुल्फें लहड़ाती है
तेरा कच्ची मैदान  काली बादल की तरह ढक जाती है 
और छोटी लगती है

बंजर भूमि पर रुकी सूखी हरी घास लगाते हो
कभी मेरी महबूब से मिलो
देखने और सोचने मात्र से तरोताजा महसूस करता हूँ

तुम्हें क्या लगता हैं सिर्फ तुम्हें परेड आता है
जब भी उससे मिलने जाता हूँ
पहले दाहिने सज 
फिर 1,2,1..कह कर कदमताल कराती है
उसके बाद ही बात आगे बढ़ाती है

क्या तुम्हें लगता है सिर्फ तुम्हें पता है
ट्रेनिंग मीन्स टाइम होता है
एक बार उनसे भी एक सेकेंड देरी से मिलो
पनिशमेंट में hello hello सारी रात शीर्षासन hello कराती है

तुम्हारे यहाँ तो बारिश भी नही होती
ये तो बात बात पर आँखों से मूसलाधार बारिश करती है

और अंत में..

क्या लगता है तुम्हें सिर्फ तुम्ही से pop चाहिए
मुझे तो उस पगली से भी pop लेनी है

पगली कुछ भी न तो जानती है न ही समझती है
बस जीने का दूसरा नाम मोहब्बत कहती है
यहाँ से जाने के नाम पर गले लग कर पगली बहुत रोती है