Monday, 24 April 2023

Saturday, 22 April 2023

मैं रावण हूँ.......मुझे राम से ईर्ष्या होती है

मैं रावण हूँ 
मुझे राम से ईर्ष्या होती है

मैं पाताल लोक का वाशी हूँ
वो धरती और आकाश का मालिक है

मेरे पास सब कुछ है
वो सब कुछ का मालिक है

मैं सत्य के पीछे भागता हूँ
वो ही केवल अंतिम सत्य है

मेरे पास सारी शक्तियां है
वो सभी शक्तियां का स्रोत है

मेरे सभी देवी देवता दासी है
वो सभी दासी का स्वामी है

मैं त्रिलोक विजेता हूँ
वो त्रिलोक रचेयता है

मैं लंका का राजा हूँ
वो ब्रह्मांड का जननी है

मैं लंकापति  रावण हूँ
वो तो तीनो लोक का नारायण है

Sunday, 2 April 2023

पुराने शहर के परिन्दें बहुत याद आते हैं

अब नए शहर में किसी को अपना नही बनाऊंगा
पुराने शहर के परिन्दें बहुत याद आते हैं

अब नए शहर में किसी को धोखा नही दूँगा
पुराने शहर के बफादारी बहुत याद आते हैं

अब नए शहर में किसी से वादा नही करूँगा
पुराने शहर के कसमें बहुत रुलाते हैं

अब नए शहर में किसी को अच्छा नही कहूँगा
पुराने शहर के लोगों की याद रात भर जगाते हैं

अब नए शहर में किसी को अच्छा नही कहूँगा
पुराने शहर के ईमानदारी बहुत खलता है

अब नए शहर में किसी को खरीद कर कुछ नही दूँगा
पुराने शहर के आँखों के काजल बहुत रुलाता है

अब नए शहर में किसी को आवाज देकर नही रोकूँगा
पुराने शहर के पायल की रुनझुन बहुत सताता है

और अंत में

आज रविवार है पगली फिर से छोटी सी बिंदी 
और आँखों हल्का काजल लगायी होगी