Tuesday, 25 July 2023

वो मेरे भेजे हुए सारे पत्र को संभाल कर रखती है
वो शाम को उसपर भूँजा, नमक और तीखा मिर्च रखती है

और कहती है सब कुछ ठीक है
थोड़ा नमक के साथ मिर्च और ज्यादा तीखा होना चाहिए

अनजानें शहर में

अनजानें शहर में
गली गली गाँव गाँव मुसाफिर बन फिरता हूँ

ना जानें कब से 
अपना शहर गाँव गली छोड़ कर भटकता फिरता हूँ

ना किसी का सुनने वाला
हर किसी का बातें ध्यान से सुनता फिरता हूँ

डूबते सूरज के साथ
रातभर सोते शहर में अकेले जागते फिरता हूँ

बस्ती बस्ती घोर अंधेरा 
आशा बन रात भर चलते जलते फिरता हूँ

अनजाने शहर को
अपना समझ कर हर वक़्त तैनात रहते फिरता हूँ

Sunday, 23 July 2023

ये बात भी उसी पर छोड़ आया हूँ

मैं उसके इंतज़ार में और भी काला हो गया हूँ
ये बात भी स्टेशन डायरी में लिखकर आ गया हूँ

मैंने भी उसकी दिल की चोरी बिना पूछे की है
ये बात भी अंतिम प्रपत्र में लिखकर आ गया हूँ

अब सजाये उम्र कैद मिले या रिहाई मिले
ये बात भी उसी पर छोड़ आया हूँ

Sunday, 16 July 2023

चंद्रयान 3

पिछली बार भी मिलने गया था प्रिय !
लेंडर रोवर का सॉफ्ट लैंडिंग ना हो पाया प्रिय !!
इस बार पूरी तैयारी से मिलने आ रहा हूँ प्रिय !
इस बार मिलनें में ना कोई बहाना ना ही कतराना प्रिय !!

जन्मदिन की अनंत बधाई एंव शुभकामनाएं

मैं थोड़ा आलसी हूँ
हर बार देरी हो जाती है

जब भी कहीं जाना हो
जब भी किसी से मिलना हो
मैं देर कर देता हूँ


जब भी किसी से कुछ कहना हो
जब भी किसी को याद करना हो
मैं भूल जाता हूँ

जब भी धीरे से कुछ कहना हो
कहते कहते कुछ सुनना हो
मैं चुप हो जाता हूँ

और अंत में

जब भी बधाई देनी हो 
हर बार हर चीज में देरी कर देता हूँ

जाते जाते
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐

जन्मदिन की अनंत बधाई एंव शुभकामनाएं

🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂🎂

Sunday, 9 July 2023

सावन की बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं

उसे ढूँढने के लिए...

सारे शिवालयों का चक्कर लगा आया हूँ
और वो चुपचाप मन में ही शिवाला बना बैठी है

लगता है इस सावन भी शिव नही मिलेगें मुझे
लगता है पगली शिव की प्रिय दासी कहीं बन बैठी है/होगी

और अंत में

सुने हैं उसके शहर में बरसी तेज होती है
और यहाँ मैं उसे हर बूंदों में ढूँढता फिरता हूँ

यूँ जो तुम आहिस्ते आहिस्ते सारे प्रश्न पूछते हो

यूँ जो तुम आहिस्ते आहिस्ते सारे प्रश्न पूछते हो
यूँ जो तुम धीरे धीरे सारे प्रश्न का जबाव ढूँढ़ते हो
एक सलीक़े का उत्तर है तुम्हें सबकुछ पता है 
फिर भी पूछते हो
यूँ जो बात बात पर जीने मरनें की बातें करते हो
यूँ जो बिना बोले सारी बातें समझा करते हो
साफ़ साफ़ क्यों नही कहते तुम्हारे साथ जीना चाहते हैं