Saturday, 12 October 2024

सिद्धिदात्री

स्वागत है नई दुनिया में

नवरात्रि का नवीं पूजा सिद्धिदात्री 

11-10-2024

Friday, 23 August 2024

Friday, 31 May 2024

जब भी मैं कुछ तुमसे मांगू तो

जब भी मैं कुछ तुमसे मांगू तो 
तुम ढ़ेर सारा वक़्त लेकर आना

जब भी मैं कहूँ सब कुछ ठीक है तो
तुम मेरे पास हाथे थामे बैठे रहना

जब भी मैं कहूँ थका हुआ हूँ
तुम मुस्कुराते हुए मुझ से बातें करना

जब भी मैं कहूँ कि हार गया हूँ
तुम पहली मुलाक़ात की बातें सुनाना

जब भी मैं कहूँ मेरे पास कुछ नही बचा है
तुम मेरे पास होने का एहसास दिलाना

Wednesday, 29 May 2024

नक्शा उठा कर देखा तो 
बगल के शहर में भी 
कोई अपना रहता है

इस शहर में 
दिल नही लगता 
पास के शहर में जाकर
आशियाना ढूंढता हूँ

Monday, 8 April 2024

फुर्सत में यारों के साथ यादों की बस्ती में

यादें झांकती है टूटी हुई खिड़की से अक्सर
मैं चेहरा छुपाये घूमता हूँ तेरे उजड़े हुए शहर से

अक्सर न मिलनें की उम्मीद से आता हूँ तेरी गली में
प्रतीक्षा में  ख़ुद की छोड़ आता हूँ तेरी गली में खुद को

आते जाते राहगीर  पूछते हैं ख़ैरियत मुझसे
हर बार तेरा जैसा हाल कह देता हूँ उससे


Tuesday, 5 March 2024

@प्रतीक

Sunday, 3 March 2024

@420 D coy

Wednesday, 14 February 2024

आप सभी को निश्छल स्नेह दिवस की शुभकामनाएं

161,164 का बयान, मेडिकल टेस्ट और केस डिस्पोजल तो होते रहेगा

परंतु

उस माँ, पिता को भी हिम्मत दीजियेगा..
उनके आँखों के अंशु को जरूर पोछियेगा..
जिनके जवान बेटा, बेटी मोहब्बत में जान गवां दियें..

और अंत में
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आप सभी को निश्छल स्नेह दिवस की शुभकामनाएं

Thursday, 8 February 2024

उसके जाने के बाद ....

उसके जाने के बाद ....
एक तुलसी अपने आँगन में लगा रखा है
बहुत जतन से अपने आंसुओं से उसे सींचा है

उसके जाने के बाद....
जीवन मे छाया घनघोर अँधेरा है
एक जुगनू को देखकर 
सारी रात अंधेरे में हमने गुजारा है

उसके जाने के बाद....
उसकी आवाज़ कानों में बहुत शोर करती है
पीछे मुड़ के छुप कर ये आँखें बहुत रोती है

उसके लौट आने के इंतज़ार में....
सारी रात दरवाजा खुला रखा है
बेदर्द आँखें लौटने का  ख़्वाब देखती है

Monday, 5 February 2024

Sunday, 28 January 2024

घर तोड़ा नही उसने
बल्कि मेरा घर उजार दिया

तिनका तिनका से सजाया था
बेरहम ने राख में मिला दिया

नदियों का सौख नही मुझको
इन आँखों ने समुद्र देखा है

Saturday, 27 January 2024

Wednesday, 17 January 2024

Monday, 15 January 2024

ये ठंड की रात और आवारा हवा 
ये आग और नींद का बोझ
ये वर्दी और लाल जूता 
ये तकलीफ और ग़ैरों का शहर 

और अंत में

अगर अपना शहर होता तो 
अभी तक घर  चल गए होते

Sunday, 14 January 2024

एक ख्वाहिश थी कि जिंदगी तुम्हारे साथ गुजरे..

अब ख्वाहिश है कि तुम्हारा हमारा  उम्र भर सामना न हो...

Thursday, 11 January 2024

शहर खाली पड़ा है..... कब्रिस्तान में भीड़ है...

शहर खाली पड़ा है
कब्रिस्तान में भीड़ है
        चूल्हे में सिर्फ़ राख बचा है
        शमशान में आग लगी है
समुंद्र ठहरा हुआ है
मन में तूफान मचा है
         बादल  साफ़ है
         आँखों में मूसलाधार बारिश लगा है

और अंत में

भीड़ में शामिल हूँ
फिर भी अकेला तन्हा हूँ

Sunday, 7 January 2024