Sunday, 28 January 2024

घर तोड़ा नही उसने
बल्कि मेरा घर उजार दिया

तिनका तिनका से सजाया था
बेरहम ने राख में मिला दिया

नदियों का सौख नही मुझको
इन आँखों ने समुद्र देखा है

Saturday, 27 January 2024

Wednesday, 17 January 2024

Monday, 15 January 2024

ये ठंड की रात और आवारा हवा 
ये आग और नींद का बोझ
ये वर्दी और लाल जूता 
ये तकलीफ और ग़ैरों का शहर 

और अंत में

अगर अपना शहर होता तो 
अभी तक घर  चल गए होते

Sunday, 14 January 2024

एक ख्वाहिश थी कि जिंदगी तुम्हारे साथ गुजरे..

अब ख्वाहिश है कि तुम्हारा हमारा  उम्र भर सामना न हो...

Thursday, 11 January 2024

शहर खाली पड़ा है..... कब्रिस्तान में भीड़ है...

शहर खाली पड़ा है
कब्रिस्तान में भीड़ है
        चूल्हे में सिर्फ़ राख बचा है
        शमशान में आग लगी है
समुंद्र ठहरा हुआ है
मन में तूफान मचा है
         बादल  साफ़ है
         आँखों में मूसलाधार बारिश लगा है

और अंत में

भीड़ में शामिल हूँ
फिर भी अकेला तन्हा हूँ

Sunday, 7 January 2024