Friday, 31 May 2024

जब भी मैं कुछ तुमसे मांगू तो

जब भी मैं कुछ तुमसे मांगू तो 
तुम ढ़ेर सारा वक़्त लेकर आना

जब भी मैं कहूँ सब कुछ ठीक है तो
तुम मेरे पास हाथे थामे बैठे रहना

जब भी मैं कहूँ थका हुआ हूँ
तुम मुस्कुराते हुए मुझ से बातें करना

जब भी मैं कहूँ कि हार गया हूँ
तुम पहली मुलाक़ात की बातें सुनाना

जब भी मैं कहूँ मेरे पास कुछ नही बचा है
तुम मेरे पास होने का एहसास दिलाना

Wednesday, 29 May 2024

नक्शा उठा कर देखा तो 
बगल के शहर में भी 
कोई अपना रहता है

इस शहर में 
दिल नही लगता 
पास के शहर में जाकर
आशियाना ढूंढता हूँ