Wednesday, 30 November 2016

शादी कर नायिका जब सुसराल जाती है, वह अपने हर श्रृंगार के माध्यम से नायक से कुछ कहती है__________

सौतन् हो गई नथुनी हमारी, समझा लेवे सुबह-शाम
पिया कुछ बोल न पावे, धततेरी हो गई परेशान

टूट गई सब चूड़ी हमारी, हो गई मैं बदनाम
पिया को कुछ समझ न आवे, धततेरी हो गई परेशान

लाली हमार बिंदिया, झख मारे भोर और साँझ
पिया के मन को ज़रा न भावे, धततेरी हो गई परेशान

उलझन हो गई पायल हमारी, चल न सकूँ मनयार
पिया को कुछ दिख न पावे, धततेरी हो गई परेशान

पड़ोसन हो गई गजरा हमरी, चुग़ली करे चारो ओर
पिया का मन ज़रा न बहले, धततेरी हो गई परेशान

नो-लखा हो गई झुमका हमरी, ताना मारे दिन-रात
पिया का मन ज़रा न डोले, धततेरी हो गई परेशान

हरजाई हो गई कंगन हमरी, करे लाखो सवाल
पिया का मन ज़रा न घबरावे, धततेरी हो गई परेशान

उलझन हो गई लँहगा हमरी, करे हर वक़्त परेशान
पिया का मन सोच न पावे, धततेरी हो गई परेशान

चोरनी हो गई चुनड़ी हमरी, देखे चारो ओर
पिया का मन देख न पावे, धततेरी हो गई परेशान

बासी हो गई माँगटिका हमरी, सवतीया मारे डाह
पिया का मन अब भी है परदेशिया, धततेरी हो गई परेशान

#और_अंत_में
नायक कहता है......
मुझे मनाना नही आता है !
पर वादा करते हैं कभी रूठनें नही देगें !!

Tuesday, 29 November 2016

एप्पल कंपनी के संस्थापक स्टीव जॉब्स का आखरी खत ...!



Sunday, 27 November 2016

सच्चाई तेरी गलियों की ......

ग़ालिब तेरे शहर में सब सच्चे हैं..
बस तेरे अपनों को छोड़ कर...

अस्मत लूट कर अपनें कहनें वाले,अस्पताल पहुँचा दिये..
नायिका तब कहती है :-----
सजन तू कितना मेरा स्वास्थ्य का ख़्याल करते हो..

अनुभव का बाज़ार में माँग बहुत है ग़ालिब..
बेईमानी की तराजू से ईमानदारी बिकता है बाबू 

10 रुपये के दाम पर एक लड़की बेवफ़ा हो गई,
लाख-लिख लेकर एक लड़का पति से देवतुल्य हो गए।

भारतीय नारी

[[★भारतीय नारी★]]
मेरी देहयष्टि या मुख के आकर्षण पर ना जाओ ,
यह कुछ दिन रहेगा फिर शायद ना रहे।
आकर्षित होना है तो मेरे गुणों और आदर्शों से आकर्षित रहो जो दिन प्रतिदिन निखरेंगें।
[[☆भारतीय बहन और बेटी☆]]
मुझे सभी पुरुषों में सामान्यतः भाई या पितृवत स्नेह देखने के संस्कार हैं।
आप कृपया इन संस्कारों के अनुरूप चलने के लिए , बाजार और कार्यस्थल का वातावरण निर्मित करें। और यदि मुझ से स्नेह उमड़ता भी है तो भाई सी रक्षा का दायित्व निभाएँ।
[[☆भारतीय बहु☆]]
मुझे बताया गया है मुझ पर दो परिवारों (कुल) के मान -सम्मान व रक्षा का कर्तव्य होता है।
मुझे बहकाने का प्रयास ना करें।
मुझे इनकी प्रतिष्ठा बढ़ानी है , मुझे अपने कर्तव्यों से विमुख करने के प्रयास में आपको विफलता ही मिलेगी।
[[☆भारतीय नारी दायित्व☆]]
चाहे हम माँ, बहन, बहु, बेटी या पत्नी ,जो भी हों ,
दुनिया की अन्य नारियों को
"भारतीय गरिमामय नारी " चरित्र की प्रेरणा देना अपना कर्तव्य मानतीं हैं।
इस देश की नारी जो किन्हीं प्रलोभनों या भ्रमित कर दिए जाने के कारण यह गरिमा खो रही हैं ,
उन्हें सही दिशा और गरिमा वापिस दिलाना चाहती हैं।
भारतीय पुरुष को भी नारी को आदर से रखने और उसके रक्षक होने के संस्कार होते हैं।
आप कृपया इसका पालन कर वह वातावरण हमें उपलब्ध करायें ताकि हम अपने कर्तव्यपरायणता में सफल हो समाज और भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व को सुखी बना सकें ||
,,,,,, मोनिका सूद ,,,,,,