Sunday, 22 January 2017

क़यामत की रात...संपर्क क्रांति एक्सप्रेस

अभी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में हूँ । ऊपर वाला सीट है, ठण्ड बहुत लग रही है अपना पृष्ठीय क्षेत्रफल कम कर दिया हूँ..फिर भी कोई असर नही दिख रहा है..ओहो मैं आपको बताना भूल गया की मेरे सीट के ऊपर दो दो पंखा चल रहा है...
सामनें वाले सीट पर एक मोहतरमा हैं जो दोनों पंखे पर मालिकाना हक जमा रखी है....मैं अपना दुखभरी राग में भी दर्द सुनाता हूँ तो वो नही मानती है, बोलती तो ऐसी है जैसे सलमान खान की बहन हो " मैनें एक बार कमिटमेंट कर दी हूँ उसके बाद पंखा बंद नही होगा..."इतनें ठण्ड में आइसक्रीम भी खरीद कर खा रही है...
जो मुझे अच्छी तरह से जनता उसे पता है कि गर्मी के मौसम में भी मेरा और पंखा का कैसा रिश्ता रहता है...
और अंत में ...
हाँथ बर्फ हो गया है लिख नही पा रहा हूँ । पता नही यह क़यामत की रात  किस तरह गुजारूं..😥😥😥

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