बात करते हैं तो झगड़ती है न करू तो लड़ती है
मिलते हैं तो बात सुनाती है न मिलूँ तो मुंह फुलाती है
देखूं तो आँख दिखती है न देखूं तो ढूंढती है
खुशी में उपवास रखती है नाराज होकर भूखे रहती है
दूर रहूँ तो हक जताती है पास रहूँ तो नखरे दिखाती है
सीने में एक पगली सी लड़की रहती है। जब भी याद आते हैं तो गले लिपट कर रोती है..और चुपके से मेरे अंदर छुप कर भी रहती है...
सच कहूँ तो ये पगली ही मेरी पूरी दुनियां है..इसके बिना मैं कुछ सोचता भी नही हूँ
1 comment:
Dil se dil ki baat ❤
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