मैं तकलीफ़ और मायूसी लिखता हूँ
और वे कहतें हैं मैं अच्छा लिखता हूँ
मैं उथल पुथल लिखता हूँ
वो इसे रोमांचित कहानी कहती है
मैं पीड़ा लिखता हूँ
वो इसे खूबसूरत एहसास कहती है
मैं दर्द लिखता हूँ
वो इसे जिंदगी का तजुर्बा कहती है
मैं थकान लिखता हूँ
वो इसे कठोर परिश्रम कहती है
मैं परेशानी लिखता हूँ
वो इसे न भूलने वाली सबक कहती है
मैं मुसीबत लिखता हूँ
वो इसे ज़िन्दगी जीने का प्रशिक्षण कहती है
और अंत में
मैं मिलना लिखता हूँ
वो इसे सब्र और इंतज़ार कहती है
Waiting to bpa
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