Tuesday, 25 October 2022

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद.....तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद
तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

सर पर तेज धूप है, हाथों में झाड़ू है
साफ़ सड़कों पर भी झाड़ू लगता हूँ
यहाँ सम्मान कम है, सैलरी उससे भी कम है

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद
तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

छुट्टी है उसमें भी ड्यूटी है
ये पर्व त्यौहार छुट्टी में क्यों चले आते हो
तू पैतृक और गृह जिले में अन्तर कर जाते हो

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद
तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

यहाँ से जाने के बाद
तेरी हर बुराई के बदले अच्छाई बताऊंगा
तुझसे मिलने की तम्मना का गाना गुनगुना कर सुनाऊंगा

ऐ BPA यहाँ से जाने के बाद
तेरा किस्सा अलग से लिखूँगा

और अंत में

यहाँ कोई ऐसा नही
जिस पर भरोसा हो

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